FD पर RBI ने किया अहम बदलाव, ब्याज की रकम पर होगा असर
RBI New norms on Term Deposit: अगर आपने भी बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट ( TD/FD) करा रखी है, तो आपके लिए अहम जानकारी है.
(Representational Image)
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RBI New norms on Term Deposit: अगर आपने भी बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट ( TD/FD) करा रखी है, तो आपके लिए अहम जानकारी है. रिजर्व बैंक (Reserve Bank) ने एफडी पर ब्याज को लेकर मौजूदा नियमों में एक अहम बदलाव किया है. दरअसल, RBI का बदलाव बैंकों में फिक्स्ड डिपॉजिट/टर्म डिपॉजिट (Fixed Deposit/Term Deposit) की मैच्योरिटी पूरी होने के बाद अनक्लेम्ड रकम पर ब्याज के नियमों को लेकर है. एफडी पर ब्याज दर के नियमों हुआ ये बदलाव सभी कॉमर्शिलय बैंकों, स्माल फाइनेंस बैंकों, लोकल एरिया बैंकों और को-ऑपरेटिव बैंकों पर लागू होगा.
रिजर्व बैंक की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, FD की मैच्योरिटी के बाद अनक्लेम्ड अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज की समीक्षा की गई. इसके बाद यह फैसला किया गया कि अगर फिक्स्ड डिपॉजिट मैच्योरिटी के बाद अमाउंट का पर क्लेम नहीं होता है और वह रकम बैंकों के पास अनक्लेम्ड अमाउंट के रूप में रहती है, तो उस पर ब्याज दर सेविंग्स अकाउंट हिसाब से या मैच्योर्ड एफडी पर निर्धारित ब्याज दर, जो भी कम हो, देय होगी.
मौजूदा नियमों के मुताबिक, अगर फिक्स्ड डिपॉजिट की मैच्योरिटी पूरी हो जाती है और उसका क्लेम नहीं किया है तो बैंक के पास यह रकम अनक्लेम्ड अमाउंट के रूप में पड़ी रहती है. इस पर बैंक सेविंग्स अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज के हिसाब से ब्याज देते हैं. फिक्स्ड डिपॉजिट, वह डिपॉजिट अमाउंट है जो बैंकों में एक निश्चित अवधि के लिए तय ब्याज पर रखी जाती है. इसमें रिकरिंग, कम्युलेटिव, एन्युटी, रिइन्वेस्टमेंट डिपॉजिट और कैश सर्टिफिकेट जैसे डिपॉजिट भी शामिल हैं.
FD सुरक्षित निवेश का बेहतर ऑप्शन
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भारत में बैंक एफडी सुरक्षित निवेश और गारंटीड रिटर्न को लेकर एक बहुत ही पॉपुलर ऑप्शन है. पारंपरिक रूप से आज भी लोग बैंक एफडी को तरजीह देते हैं. आरबीआई की ओर से टर्म डिपॉजिट/फिक्स्ड डिपॉजिट में नियमों में हुए बदलाव का असर उन लोगों पर पड़ेगा, जिन्होंने मैच्योरिटी के बाद अपनी एफडी कैश नहीं कराई है.
नए नियमों के मुताबिक, अनक्लेम्ड एफडी के मामले में अब अगर मैच्योर्ड एफडी पर निर्धारित ब्याज दर सेविंग्स अकाउंट से मिलने वाले ब्याज से ज्यादा है, तो फायदा होगा और अगर कम है तो नुकसान होगा. यहां यह जान लें कि एफडी/टीडी पर मिलने वाला ब्याज टैक्स के दायरे में आता है. यानी, अगर आपको एफडी से इनकम होती है तो आपको टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स देना पड़ता है.
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10:22 AM IST